Chief Election Commissioner Removal Process Explained in Hindi
1. हटाने के कारण
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केवल "सिद्ध दुर्व्यवहार" या "अक्षमता" के आधार पर ही मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाया जा सकता है।
2. प्रक्रिया की शुरुआत
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संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) में CEC को हटाने का प्रस्ताव लाया जा सकता है।
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लोकसभा में कम से कम 100 सांसद या राज्यसभा में कम से कम 50 सांसद उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करते हैं।
3. जांच समिति का गठन
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सदन के अध्यक्ष (लोकसभा) या सभापति (राज्यसभा) प्रस्ताव स्वीकार करते हैं तो एक जांच समिति बनाई जाती है।
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इस समिति में सुप्रीम कोर्ट का एक न्यायाधीश, किसी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, और एक प्रतिष्ठित jurist (कानूनविद) शामिल होते हैं।
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समिति एक "ज्यूडिशियल बॉडी" की तरह काम करती है व आरोपों की जांच करती है।
4. जांच का परिणाम
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अगर जांच समिति CEC को दोषमुक्त कर देती है, तो प्रस्ताव खारिज हो जाता है।
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अगर दोष सिद्ध होता है, तब हटाने का प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में चर्चा के लिए जाता है।
5. विशेष बहुमत जरूरी
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संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में यह प्रस्ताव दो-तिहाई बहुमत (मौजूद और मतदान कर रहे सदस्यों का दो-तिहाई और सदन की कुल सदस्य संख्या का बहुमत) से पारित होना ज़रूरी है।
6. राष्ट्रपति का आदेश
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दोनों सदनों से प्रस्ताव पास होने के बाद, राष्ट्रपति CEC को पद से हटाने का आदेश जारी करते हैं।
7. स्वतंत्रता की सुरक्षा
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यह प्रक्रिया बहुत कठिन और मल्टी-स्टेप है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि CEC स्वतंत्र, निष्पक्ष और किसी भी राजनीतिक दबाव से मुक्त रहकर अपना काम कर सके।
अब तक, किसी भी मुख्य चुनाव आयुक्त को इस प्रक्रिया द्वारा हटाया नहीं गया है, जो इस पद की गरिमा और स्वतंत्रता को दर्शाता है